फुटनोट
a “बहुत अधिक साहसिक सुधार नें भी कृषक वर्ग को दरिद्र बना दिया, अधिक विशेषाधिकार, कर की छूट की एक अभिजात वर्ग, एक मध्यम वर्ग को सरकार और समाज में अपर्याप्तता में एक करना . . . यह अवश्य कहा जा सकता है कि परोपकारी निरंकुश शासकों ने उन प्रश्नों का सामना करना शुरु किया, जो टाल नहीं सकते थे, उस युग की राजनीति और आर्थिक सच्चाईयों के अन्दर कोई वास्तविक हल प्रदान नहीं कर सके।”—वेस्टन सिविलाइज़ेशन—इटस जेनिसिस ऐण्ड डेस्टिनी: द मॉर्डन हेरीटेज।