वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ

फुटनोट

a हालाँकि हमें यह वास्तविकता स्वीकार करने से नहीं लजाना चाहिए कि हम गवाह हैं, ऐसे समय भी हैं जब हमें “साँपों की नाईं बुद्धिमान” होना चाहिए। (मत्ती १०:१६) नाट्‌ज़ी जर्मनी में गवाह जानते थे कि एक ऐसा समय था जब उन्हें अपनी पहचान देनी चाहिए थी और एक ऐसा समय जब उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।—प्रेरितों के काम ९:२३-२५ से तुलना करें।

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें