फुटनोट
b “क़िस्मत और नियति में सिर्फ़ यही फ़र्क़ है कि क़िस्मत सर्वशक्तिमान इच्छा को आरोपित की जाती है; दोनों के ख़िलाफ़ हर तरह का निवेदन व्यर्थ है।”—हेस्टिंगस् का एन्साइक्लोपीडिया ऑफ रिलिजियन अन्ड एथिक्स, खण्ड V, पृष्ठ ७७४.
b “क़िस्मत और नियति में सिर्फ़ यही फ़र्क़ है कि क़िस्मत सर्वशक्तिमान इच्छा को आरोपित की जाती है; दोनों के ख़िलाफ़ हर तरह का निवेदन व्यर्थ है।”—हेस्टिंगस् का एन्साइक्लोपीडिया ऑफ रिलिजियन अन्ड एथिक्स, खण्ड V, पृष्ठ ७७४.