फुटनोट
a यीशु ने जो तीव्र कष्ट सहा, उसे संभवतः इस तथ्य से देखा जा सकता है कि उसका परिपूर्ण शरीर सूली पर कुछ ही घंटों के पश्चात् मर गया, जबकि उसके साथ सूली पर चढ़ाए गए पापियों की जल्दी मृत्यु करवाने के लिए उनकी टाँगों को तोड़ना पड़ा। (यूहन्ना १९:३१-३३) उन्होंने उस मानसिक और शारीरिक कष्ट का अनुभव नहीं किया था जो सूलारोपण से पहले पूरी-रात की निद्रारहित कठिन परीक्षा के दौरान यीशु पर लाया गया, संभवतः इस हद तक कि वह अपना यातना स्तंभ भी न उठा सका।—मरकुस १५:१५, २१.