वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ

फुटनोट

f प्रोफ़ेसर वॉल्टर लीफेल्ड लिखता है: “यह मान लेना निश्‍चित रूप से संभव है कि यीशु के भविष्यकथनों ने दो स्थितियों को समाविष्ट किया: (१) मंदिर को शामिल करनेवाली ई. स. ७० की घटनाएँ और (२) दूरस्थ भविष्य की घटनाएँ, जिनका विवरण ज़्यादा भविष्यसूचक शब्दों में किया गया है।” जे. आर. डमलो द्वारा सम्पादित एक व्याख्या कहती है: “इस महान भाषण की सबसे गंभीर मुश्‍किलें ग़ायब हो जाती हैं जब यह समझा जाता है कि हमारे प्रभु ने किसी एक घटना का नहीं लेकिन दो घटनाओं का ज़िक्र किया था, और कि पहली दूसरी का प्रतीक है। . . . विशेषकर [लूका] २१:२४, जो ‘अन्यजातियों के समय’ के बारे में कहता है, . . . यरूशलेम के पतन और संसार के अन्त के बीच एक अनिश्‍चित अन्तराल रखता है।”

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें