फुटनोट
a प्रहरीदुर्ग, जनवरी १, १९९५, पृष्ठ २६ पर रुआकाबूबू की बेटी, डेबोरा का अनुभव बताया गया है, जिसकी प्रार्थना ने हूटू सैनिकों की एक टुकड़ी को छू लिया और उस परिवार की हत्या होने से बचाया।
a प्रहरीदुर्ग, जनवरी १, १९९५, पृष्ठ २६ पर रुआकाबूबू की बेटी, डेबोरा का अनुभव बताया गया है, जिसकी प्रार्थना ने हूटू सैनिकों की एक टुकड़ी को छू लिया और उस परिवार की हत्या होने से बचाया।