फुटनोट
a अस्पतालों में काम करनेवाले कुछ मसीहियों को अधिकार के इस मुद्दे का सामना करना पड़ा है। एक डॉक्टर के पास किसी रोगी को दवा देने का या किस प्रकार इलाज किया जाना है, यह कहने का अधिकार होगा। रोगी को अगर एतराज़ न भी हो, तो भी एक मसीही डॉक्टर, जिसके पास अधिकार है, खून चढ़ाने या गर्भपात करने का आदेश कैसे देगा, यह जानते हुए कि बाइबल इन मामलों पर क्या कहती है? इसके विपरीत, अस्पताल में काम करनेवाली एक नर्स के पास ऐसे मामले पर कोई अधिकार नहीं होता। अपना हर रोज़ का काम करते वक्त, डॉक्टर शायद उसे खास मकसद से किसी व्यक्ति के खून की जाँच करने या गर्भपात के लिए आयी हुई किसी रोगी की देखभाल करने के लिए कहे। २ राजा ५:१७-१९ में दिए गए उदाहरण के मुताबिक, वह नर्स शायद इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि क्योंकि उसके पास खून चढ़ाने या गर्भपात करने का आदेश देने का अधिकार नहीं है, सो वह रोगी के लिए मानव-सेवा का अपना काम कर सकती है। फिर भी, उसे अपने विवेक की ओर भी ध्यान देना होगा, ताकि वह ‘परमेश्वर के सामने सच्चे विवेक से जीवन बिताए।’—प्रेरितों २३:१.