फुटनोट
a एक विद्वान कहते हैं कि मीका ७:१८ में इब्रानी की जो लाक्षणिक भाषा इस्तेमाल की गयी है वह “एक ऐसे मुसाफिर को ध्यान में रखकर की गयी है जो रास्ते में पड़ी किसी चीज़ को अनदेखा करके आगे बढ़ जाता है, क्योंकि वह उस चीज़ पर अपना ध्यान नहीं लगाना चाहता। इसका मतलब है कि परमेश्वर को हमारे पाप नज़र तो आते हैं पर उसे लगता है कि उन पर ध्यान देना ज़रूरी नहीं है। वह जान-बूझकर इन्हें नज़रअंदाज़ करता है क्योंकि वह इन पापों के लिए कोई सज़ा नहीं देना चाहता। जी हाँ वह सज़ा नहीं देता, बल्कि माफ करता है।”—न्यायियों ३:२६; १ शमूएल १६:८.