फुटनोट
b यूसुफ का आखिरी ज़िक्र उस घटना में हुआ है जब 12 साल का यीशु मंदिर में उपदेशकों के साथ था। यीशु ने काना में अपनी सेवकाई की शुरुआत की थी। वह तब एक ब्याह में गया था, और उस ब्याह में भी यूसुफ के मौजूद होने का कोई ज़िक्र नहीं है। (यूहन्ना 2:1-3) और जब यीशु को सा.यु. 33 में सूली पर चढ़ाया गया था, तब उसने अपने प्यारे प्रेरित यूहन्ना को अपनी माँ, मरियम की देखभाल करने का ज़िम्मा सौंपा था। अगर यूसुफ ज़िंदा होता, तो यीशु को ऐसा करने की कोई ज़रूरत नहीं थी।—यूहन्ना 19:26, 27.