फुटनोट
d मिसाल के लिए, जब एक मरी की वज़ह से हज़ारों इस्राएली मारे जा रहे थे, तो उस मरी को रोकने के लिए पीनहास ने फौरन कदम उठाया। और जब दाऊद के आदमी भूख से तड़प रहे थे, तो दाऊद ने उनके साथ मिलकर “परमेश्वर के घर” से भेंट की रोटी खाई। परमेश्वर ने न तो पीनहास को, ना ही दाऊद को दंड दिया क्योंकि उनके इरादे नेक थे। उन्होंने गुस्ताखी नहीं की थी।—मत्ती 12:2-4; गिनती 25:7-9; 1 शमूएल 21:1-6.