फुटनोट
a जोसीफस बताता है कि यहूदी किसी भी पवित्र वस्तु का अनादर नहीं करते थे, फिर भी उसने परमेश्वर का नियम अपने शब्दों में यूँ दोहराया: “कोई भी उन देवी-देवताओं की निंदा न करे जिन्हें दूसरे नगरों में पूजा जाता है, न दूसरी जाति के मंदिरों को लूटे, न किसी देवी-देवता को समर्पित खज़ाने को हथिया ले।” (तिरछे टाइप हमारे।)—यहूदी इतिहास (अँग्रेज़ी), भाग 4, अध्याय 8, पैराग्राफ 10.