फुटनोट
a इन दृष्टांतों के बारे में सही-सही समझ पाने के लिए प्रहरीदुर्ग, फरवरी 1, 1995 के पेज 5-6 और सितंबर 1, 1992 के पेज 19-24 देखिए।
a इन दृष्टांतों के बारे में सही-सही समझ पाने के लिए प्रहरीदुर्ग, फरवरी 1, 1995 के पेज 5-6 और सितंबर 1, 1992 के पेज 19-24 देखिए।