फुटनोट
a सन् 1960 के दशक में, मलावी में हुई घटनाएँ तो बस एक शुरूआत थीं। यहाँ के साक्षियों पर ज़ुल्मों का दौर तकरीबन तीस साल तक चला और उस वक्त उन्हें वहशियों की तरह सताया गया, कइयों को तो तड़पा-तड़पाकर मार डाला गया। उनके बारे में पूरा ब्यौरा जानने के लिए, 1999 इयरबुक ऑफ जिहोवाज़ विटनेसिस, पेज 171-212 देखिए।