फुटनोट
c ऐसा लगता है कि जिस दौर में “यह पीढ़ी” जी रही है, उसी दौर में प्रकाशितवाक्य की किताब में दर्ज़ सबसे पहला दर्शन पूरा हो रहा है। (प्रका. 1:10-3:22) और प्रभु के दिन का यह दौर, सन् 1914 से लेकर आखिरी वफादार अभिषिक्त मसीही की मौत और उसके पुनरुत्थान तक चलेगा।—रॆवलेशन—इट्स ग्रैंड क्लाइमैक्स एट हैंड! किताब का पेज 24, पैराग्राफ 4 देखिए।
आप क्या जवाब देंगे?
• हम कैसे जानते हैं कि यीशु की उपस्थिति, एक लंबा दौर है?
• कौन मसीह की उपस्थिति के चिन्ह को पहचानते और उसके मायने समझते हैं?
• मत्ती 24:34 में जिस “पीढ़ी” का ज़िक्र किया गया है, वह आज किसे दर्शाती है?
• “यह पीढ़ी” कितने समय तक जीएगी, इसका हम सही-सही हिसाब क्यों नहीं लगा सकते?