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a बाइबल की सबसे भरोसेमंद हस्तलिपियों में 44, और 46 आयतें नहीं दी गयी हैं। कई विद्वानों का मानना है कि इन आयतों को शायद बाद में जोड़ा गया है। प्रोफेसर आर्किबॉल्ड टी. रॉबर्टसन लिखते हैं, “सबसे पुरानी और भरोसेमंद हस्तलिपियों में ये दोनों आयतें नहीं पायी जातीं। दरअसल, पश्‍चिम और सीरिया (बाइज़ेन्टीनी) में जो हस्तलिपियाँ तैयार की गयीं, उनमें ये आयतें शामिल की गयीं। ये आयतें सिर्फ आयत 48 में लिखी बात को दोहराती हैं। आयत 44 और 46 सच्ची नहीं हैं, इसलिए हमने इन आयतों को [हटा दिया] है।”

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