वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ

फुटनोट

b इस पत्रिका में पहले समझाया गया था कि बीज एक व्यक्‍ति के गुणों को दर्शाता है, जिन्हें उसे निखारने की ज़रूरत होती है। और इस दौरान इन गुणों पर माहौल का असर होता है। लेकिन ध्यान दीजिए कि यीशु के दृष्टांत में बताया गया बीज खराब नहीं होता और ना ही उससे सड़े फल पैदा होते हैं। इसके बजाय, यीशु सिर्फ इतना बताता है कि बीज बढ़ता जाता है।—15 जून, 1980 की प्रहरीदुर्ग (अँग्रेज़ी) के पेज 17-19 देखिए।

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें