फुटनोट
a कुलुस्सियों 3:9, 10 से पता चलता है कि परमेश्वर के स्वरूप में बनाए जाने का यह मतलब नहीं कि इंसान का रंग-रूप परमेश्वर के जैसा है, बल्कि यह कि उसमें परमेश्वर के जैसे गुण दिखाने की काबिलीयत है। क्योंकि अगर हम इन आयतों में देखें तो जो परमेश्वर को खुश करना चाहते हैं, उनसे कहा गया है कि वे ‘नया मनुष्यत्व’ या शख्सियत धारण कर लें, जो ‘सृजनहार [परमेश्वर] के स्वरूप के अनुसार नया बनता जाता है।’