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a यीशु ने कहा: “इसलिये चाहिये कि तुम सिद्ध बनो, जैसा तुम्हारा स्वर्गीय पिता सिद्ध है।” (मत्ती 5:48) यीशु जानता था कि इंसान असिद्ध होने के बावजूद कुछ मायनों में सिद्ध हो सकता है। मसलन प्यार दिखाने में। अपने दुश्‍मनों से प्यार करने के ज़रिए हम परमेश्‍वर को पूरी तरह खुश कर सकते हैं। लेकिन जहाँ तक यहोवा की बात है, वह हर तरह से सिद्ध है। जब परमेश्‍वर के बारे में कहा जाता है कि वह खरा है, तो इसका मतलब होता है कि वह “सिद्ध” है।—भज. 18:30, NHT.

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