फुटनोट
a इसराएलियों को अपने पापों की माफी, बलिदान किए हुए जानवरों के लहू के आधार पर मिलती थी। और परमेश्वर की नज़र में लहू पवित्र है। (लैव्यव्यवस्था 17:11) तो क्या इसका मतलब है कि गरीब लोग जो मैदा चढ़ाते थे, परमेश्वर के सामने उसकी कोई कीमत नहीं होती? ऐसा नहीं है। यहोवा उनका दिल देखता था और वे जिस नम्रता और खुशी से बलिदान चढ़ाते थे, उन भावनाओं की वह बहुत कदर करता था। इसके अलावा, साल में एक बार यानी प्रायश्चित दिन में सभी इसराएलियों, यहाँ तक कि गरीबों के पापों की माफी के लिए जानवरों की बलि चढ़ायी जाती थी।—लैव्यव्यवस्था 16:29, 30.