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d यह धारणा, एक बाइबल अनुवादक जेरोम ने ईसवी सन्‌ 383 में बड़े दावे के साथ पेश की थी। यह धारणा उन लोगों में बहुत ही मशहूर है, जो मानते हैं कि मरियम ज़िंदगी-भर कुँवारी रही। मगर बाद में जेरोम ने कबूल किया कि उसने जो कहा वह सच नहीं है। फिर भी, बहुत-से लोगों और कैथोलिक चर्च के अधिकारियों के दिमाग में यह धारणा बनी रही।

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