फुटनोट
a उस ज़माने में, घर आए मेहमान को भेड़ का माँस पकाकर खिलाना, मेहमान-नवाज़ी दिखाने का एक तरीका था। लेकिन किसी की भेड़ चुराना एक जुर्म था और बदले में इसके लिए उसे चार गुना मुआवज़ा देना पड़ता था। (निर्गमन 22:1) इसलिए दाविद की नज़र में वह अमीर आदमी बड़ा बेरहम था क्योंकि उसने उस गरीब की इकलौती भेड़ छीन ली थी। शायद इसी भेड़ से उस गरीब के परिवार को दूध और ऊन मिलता और आगे चलकर और भी भेड़ें पैदा होतीं।