फुटनोट
a ‘लॉरेन्स-मून-बारडे-बीडल सिंड्रोम’ बीमारी का नाम उन चार डॉक्टरों के नाम पर रखा गया है जिन्होंने जीन में होनेवाली इस बीमारी का पता लगाया था। यह बीमारी तब होती है जब बच्चे को माता-पिता दोनों से ही यह जीन मिलता है जिसमें यह बीमारी होती है। यह लाइलाज है। आज इसे आम तौर पर बारडे-बीडल सिंड्रोम कहा जाता है।