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फुटनोट

a जब यीशु ने आखिरी दिनों की निशानी बतायी, तब उसने अपने चेलों को कई मिसालें दीं। दिलचस्पी की बात है कि पहले उसने ‘विश्‍वासयोग्य और सूझ-बूझ से काम लेनेवाले दास’ की बात की। यह अभिषिक्‍त भाइयों से मिलकर बना छोटा-सा समूह है, जो परमेश्‍वर के लोगों की अगुवाई करता। (मत्ती 24:45-47) फिर उसने जो मिसालें दीं, वे खास तौर से सभी अभिषिक्‍त मसीहियों पर लागू होती हैं। (मत्ती 25:1-30) आखिर में उसने उन लोगों की बात की, जो मसीह के भाइयों की मदद करेंगे और धरती पर हमेशा जीएँगे। (मत्ती 25:31-46) उसी तरह, यहेजकेल की भविष्यवाणी जब हमारे दिनों में पूरी होनी शुरू हुई, तो पहले यह उन पर लागू हुई, जिन्हें स्वर्ग में जीने की आशा है। हालाँकि इसराएल के दस गोत्र आम तौर पर उन लोगों को नहीं दर्शाते, जिन्हें धरती पर जीने की आशा है, फिर भी इस भविष्यवाणी में जिस एकता की बात की गयी है, उससे हमें वह एकता याद आती है, जो धरती पर जीने की आशा रखनेवालों और स्वर्ग में जीने की आशा रखनेवालों के बीच पायी जाती है।

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