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फुटनोट

a सच तो यह है कि जो हर बात में अपनी मन-मरज़ी करता है, उस पर भी किसी-न-किसी का असर होता है। उदाहरण के लिए, चाहे हम कोई बड़ी बात सोच रहे हों जैसे इंसान की शुरूआत कैसे हुई या फिर कोई छोटी बात जैसे क्या पहनना है, सब मामलों में दूसरों की राय या उनकी सोच का हम पर थोड़ा-बहुत असर होता है। लेकिन यह हमारे हाथ में है कि हम खुद पर किसकी सोच का असर होने देंगे।

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