फुटनोट
b मोबाइल के ज़रिए दूसरों को लैंगिक तौर पर उत्तेजित करनेवाले मैसेज, तसवीरें या वीडियो भेजने को सैक्सटिंग कहा जाता है। सैक्सटिंग के कुछ मामलों में न्याय-समिति बिठाना भी ज़रूरी हो सकता है। कुछ मामलों में सैक्सटिंग करनेवाले किशोर बच्चों को सरकारी अधिकारियों ने यौन-शोषण का दोषी ठहराया है। ज़्यादा जानकारी के लिए jw.org वेबसाइट पर जाइए और “नौजवानों के सवाल—सैक्सटिंग के बारे में मुझे क्या पता होना चाहिए?” लेख ऑनलाइन पढ़िए। (शास्त्र से जानिए > नौजवान भाग में देखिए।) जनवरी-मार्च 2014 की सजग होइए! के पेज 4-5 पर दिया लेख “अपने किशोर से सैक्सटिंग के बारे में कैसे बात करें” पढ़िए।