फुटनोट
a जब यीशु धरती पर था, तो यहोवा ने स्वर्ग से तीन मौकों पर बात की। एक मौके पर यहोवा ने मसीह के चेलों को बढ़ावा दिया कि वे उसके बेटे की सुनें। आज यहोवा अपने लिखित वचन के ज़रिए हमसे बात करता है, जिसमें यीशु की शिक्षाएँ भी दी गयी हैं। वह हमसे अपने संगठन के ज़रिए भी बात करता है। इस लेख में बताया जाएगा कि यहोवा और यीशु की सुनने से हमें किस तरह फायदा होता है।