फुटनोट
a हम सब चाहते हैं कि हम लगातार प्रौढ़ मसीही बनते जाएँ और यहोवा की सेवा और अच्छी तरह करें, फिर चाहे हम कितने भी सालों से सच्चाई में हों। प्रेषित पौलुस ने फिलिप्पी के मसीहियों को एक खत में बढ़ावा दिया कि वे कभी हार न मानें। उस खत पर ध्यान देने से हमारा भी हौसला बढ़ेगा कि हम जीवन की दौड़ में धीरज से दौड़ते रहें। इस लेख में हम देखेंगे कि हम पौलुस की सलाह पर कैसे चल सकते हैं।