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a इस लेख में हम उस बात पर गौर करेंगे जो राजा दाविद ने प्रार्थना में कही थी। यह बात भजन 86:11, 12 में दर्ज़ है। यहोवा नाम का डर मानने का क्या मतलब है? उस महान नाम के लिए हममें विस्मय और श्रद्धा क्यों होनी चाहिए? परमेश्‍वर का डर किस तरह हमें गलत काम करने से रोकता है?

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