फुटनोट
a आज हम उस वक्त का इंतज़ार कर रहे हैं जब यहोवा के वादे पूरे होंगे। इस बीच हो सकता है कि हम सब्र खो दें या हमारा विश्वास कमज़ोर पड़ जाए। अब्राहम ने सब्र रखा, क्योंकि उसे यकीन था कि यहोवा के वादे ज़रूर पूरे होंगे। इस लेख से हम जानेंगे कि हम अब्राहम से और हमारे ज़माने के भाई-बहनों से क्या सीख सकते हैं।