फुटनोट
a 27 मार्च, 2021 यहोवा के साक्षियों के लिए एक बहुत ही खास दिन है। उस शाम मसीह की मौत का स्मारक मनाया जाएगा। हाज़िर होनेवाले ज़्यादातर लोग उस समूह में से होंगे जिसे यीशु ने “दूसरी भेड़ें” कहा। सन् 1935 में यहोवा के साक्षियों को इस समूह के बारे में कौन-सी नयी समझ मिली? महा-संकट के बाद दूसरी भेड़ के लोगों को क्या-क्या आशीषें मिलेंगी? जब वे स्मारक में हाज़िर होते हैं, तो वे ऐसा क्या कर सकते हैं जिससे यहोवा और यीशु की तारीफ हो?