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फुटनोट

a शायद हमें लगे कि जब हम कोई मुश्‍किल पार कर लेंगे तभी हम कह पाएँगे कि हम “कामयाब” हो गए हैं। पर क्या आप जानते हैं कि जब हम किसी मुश्‍किल से गुज़र रहे होते हैं, हम तब भी कामयाब हो सकते हैं? यूसुफ की कहानी से हम कुछ ऐसा ही सीखते हैं। जिस तरह मुश्‍किलों के दौरान यहोवा ने उसकी मदद की थी, उसी तरह वह हमारी भी मदद कर सकता है और हम कामयाब हो सकते हैं। इस लेख में हम यही जानेंगे।

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