फुटनोट
b बाइबल का एक विद्वान बताता है, “इसराएल के आस-पास के देशों में लोग मेहमान-नवाज़ी करना अपना फर्ज़ समझते थे। अगर किसी ने अपने घर मेहमानों को बुलाया हो, तो उससे उम्मीद की जाती थी कि वह उनके लिए ज़रूरत से बढ़कर इंतज़ाम करे। और अगर मेहमानों की अच्छे-से खातिरदारी करनी हो, तब तो उससे भी कहीं ज़्यादा इंतज़ाम करने होते थे, जैसे शादी की दावतों में।”