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d जिनके अपने अब नहीं रहे, उन्हें तसल्ली देने के लिए आप क्या कर सकते हैं या उनसे क्या कह सकते हैं? इस बारे में कुछ सुझाव जानने के लिए 2016 की प्रहरीदुर्ग  के अंक 3 में दिया लेख “जो अपनों से बिछड़ गए हैं, उन्हें दिलासा दीजिए” लेख पढ़ें।

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