वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • w03 7/1 पेज 8
  • सबसे उम्दा किस्म का प्यार

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • सबसे उम्दा किस्म का प्यार
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2003
  • मिलते-जुलते लेख
  • क्या आप प्यार की ‘सबसे बेहतरीन राह’ पर चलते हैं?
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2009
  • “इन में सब से बड़ा प्रेम है”
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1991
  • प्रेम (अगापे)—क्या नहीं है और क्या है
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1993
  • “सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो”
    जागते रहो!
और देखिए
प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2003
w03 7/1 पेज 8

सबसे उम्दा किस्म का प्यार

मसीही यूनानी शास्त्र या नए नियम में, जिन आयतों में शब्द “प्रेम” आता है, उनमें से ज़्यादातर आयतों में “प्रेम” यूनानी शब्द अघापि का अनुवाद है।

इंसाइट ऑन द स्क्रिप्चर्स्‌a किताब में अघापि का यह मतलब समझाया गया है: ‘आम तौर पर लोग सोचते हैं कि प्यार, जज़बात में बहकर दिखायी जानेवाली भावना है, जो एक इंसान सिर्फ उन पर ज़ाहिर करता है जिनसे उसका लगाव होता है। लेकिन अघापि का मतलब ऐसा प्यार नहीं है। यह वह प्यार है जो सही उसूलों के मुताबिक दिखाया जाता है और समाज के दूसरे लोगों पर ज़ाहिर किया जाता है। यह प्यार एक इंसान तब दिखाता है जब वह मन में ठान लेता है कि उसे दूसरों से प्यार करना ही है; और इसके लिए वह अपनी सोच को ढालता है। वह समझता है कि उसे दूसरों से प्यार इसलिए करना चाहिए क्योंकि यह अच्छा व्यवहार माना जाता है, यह उसका फर्ज़ है और ऐसा करना बिलकुल मुनासिब है। वह सही उसूलों को ध्यान में रखते हुए, हमेशा दूसरों की भलाई करने की कोशिश करता है। अघापि (प्यार) दुश्‍मनी या नफरत की हर दीवार को तोड़ डालता है, यह कभी एक इंसान को नफरत से अंधा होकर सही उसूलों को ठुकराना या किसी के बुरे व्यवहार के लिए उससे बदला लेना नहीं सिखाता।’

अघापि में दिल की गहरी भावना भी शामिल है। प्रेरित पतरस ने यह सलाह दी: “एक दूसरे के प्रति प्रेम [अघापि] में सरगर्म रहो।” (तिरछे टाइप हमारे।) (1 पतरस 4:8, NHT) इसलिए कहा जा सकता है कि अघापि दिखाने में दिल और दिमाग दोनों से काम लेने की ज़रूरत है। क्यों न आप ऐसी कुछ आयतों की जाँच करें जो दिखाती हैं कि इस उम्दा किस्म के प्यार में कितनी ताकत है और इसमें क्या-क्या शामिल है? आप चाहें तो इन आयतों पर खोजबीन कर सकते हैं: मत्ती 5:43-47; यूहन्‍ना 15:12, 13; रोमियों 13:8-10; इफिसियों 5:2, 25, 28; 1 यूहन्‍ना 3:15-18; 4:16-21.

[फुटनोट]

a इसे यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है।

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें