जीएँ मसीहियों की तरह
सच्चा प्यार क्या होता है?
जब यहोवा ने शादी का इंतज़ाम किया, तो वह चाहता था कि पति-पत्नी का यह बंधन जीवन-भर का हो। (उत 2:22-24) सिर्फ एक ही आधार पर तलाक हो सकता है और वह है, नाजायज़ यौन-संबंध रखना। (मला 2:16; मत 19:9) यहोवा चाहता है कि मसीही अपनी शादीशुदा ज़िंदगी में खुश रहें। इसलिए उसने कुछ सिद्धांत दिए हैं ताकि वे सोच-समझकर अपना जीवन-साथी चुनें और अपने साथी के संग खुश रह पाएँ।—सभ 5:4-6.
यह प्यार है या दीवानापन? वीडियो देखिए और फिर इन सवालों के जवाब दीजिए:
डेटिंग करने की सही उम्र क्या है?
आकर्षण, दीवानापन और सच्चे प्यार में फर्क क्या है?
यह सोचना क्यों मूर्खता होगी कि शादी के इरादे से आप जिस व्यक्ति से मिल रहे हैं उसे आप बदल सकते हैं?
दुनियावी चीज़ों के बारे में अगर एक व्यक्ति का नज़रिया सही न हो, तो इसका उसकी शादीशुदा ज़िंदगी पर कैसा असर पड़ सकता है?
यहोवा की सेवा में एक-जैसे लक्ष्य रखने से पति-पत्नी का रिश्ता कैसे मज़बूत होता है?
किसी से शादी करने से पहले उसके “अंदर के इंसान” को जानना क्यों ज़रूरी है? (1पत 3:4)
सच्चा प्यार क्या होता है? (1कुर 13:4-8)