वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • nwt पेज 28-पेज 29
  • सवाल 16: आप चिंताओं का सामना कैसे कर सकते हैं?

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • सवाल 16: आप चिंताओं का सामना कैसे कर सकते हैं?
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
सवाल 16: आप चिंताओं का सामना कैसे कर सकते हैं?

सवाल 16

आप चिंताओं का सामना कैसे कर सकते हैं?

“अपना सारा बोझ यहोवा पर डाल दे, वह तुझे सँभालेगा। वह नेक जन को कभी गिरने नहीं देगा।”

भजन 55:22

“मेहनती की योजनाएँ ज़रूर सफल होंगी, लेकिन जल्दबाज़ी करनेवाले पर गरीबी छा जाएगी।”

नीतिवचन 21:5

“डर मत क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ, घबरा मत क्योंकि मैं तेरा परमेश्‍वर हूँ। मैं तेरी हिम्मत बँधाऊँगा, तेरी मदद करूँगा, नेकी के दाएँ हाथ से तुझे सँभाले रहूँगा।”

यशायाह 41:10

“तुममें ऐसा कौन है जो चिंता करके एक पल के लिए भी अपनी ज़िंदगी बढ़ा सके?”

मत्ती 6:27

“इसलिए अगले दिन की चिंता कभी न करना क्योंकि अगले दिन की अपनी ही चिंताएँ होंगी। आज के लिए आज की परेशानियाँ काफी हैं।”

मत्ती 6:34

‘पहचानो कि ज़्यादा अहमियत रखनेवाली बातें क्या हैं।’

फिलिप्पियों 1:10

खाना खाने से पहले एक माँ अपनी बेटी के साथ प्रार्थना करती है

“किसी भी बात को लेकर चिंता मत करो, मगर हर बात के बारे में प्रार्थना और मिन्‍नतों और धन्यवाद के साथ परमेश्‍वर से बिनतियाँ करो। तब परमेश्‍वर की वह शांति जो समझ से परे है, मसीह यीशु के ज़रिए तुम्हारे दिल की और तुम्हारे दिमाग के सोचने की ताकत की हिफाज़त करेगी।”

फिलिप्पियों 4:6, 7

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें