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इब्राहीम जैसा विश्वास रखिए!प्रहरीदुर्ग—2001 | अगस्त 15
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10. अब्राम और लूत के चरवाहों के बीच क्या समस्या पैदा हो गयी और इसे जल्द-से-जल्द सुलझाना क्यों ज़रूरी था?
10 “लूत के पास भी, जो अब्राम के साथ चलता था, भेड़-बकरी, गाय-बैल, और तम्बू थे। सो उस देश में उन दोनों की समाई न हो सकी कि वे इकट्ठे रहें: क्योंकि उनके पास बहुत धन था इसलिये वे इकट्ठे न रह सके। सो अब्राम, और लूत की भेड़-बकरी, और गाय-बैल के चरवाहों में झगड़ा हुआ: और उस समय कनानी, और परिज्जी लोग, उस देश में रहते थे।” (उत्पत्ति 13:5-7) उस देश में इतना पानी और चारा नहीं था कि अब्राम और लूत दोनों के मवेशियों का पेट भर सके। इसलिए उन दोनों के चरवाहों में बैर-भाव और नाराज़गी पैदा हो गयी। इस तरह की कलह सच्चे परमेश्वर के सेवकों को सोहती नहीं थी। अगर झगड़ा बढ़ता जाता तो हो सकता था कि दोनों के बीच के रिश्ते में हमेशा के लिए दरार पड़ जाती। तो फिर अब्राम इस स्थिति से कैसे निपटता? उसने लूत को उसके पिता की मौत के बाद, गोद लिया था। और अब्राम ने उसे अपने बेटे की तरह पाला-पोसा होगा। और क्योंकि उम्र में अब्राम लूत से बड़ा था तो क्या उसका यह हक नहीं बनता था कि वह अपने रहने के लिए सबसे अच्छा इलाका चुन ले?
11, 12. अब्राम ने बड़ी उदारता से लूत के सामने क्या पेशकश रखी, और लूत का फैसला सही क्यों नहीं था?
11 लेकिन “अब्राम लूत से कहने लगा, मेरे और तेरे बीच, और मेरे और तेरे चरवाहों के बीच में झगड़ा न होने पाए; क्योंकि हम लोग भाई बन्धु हैं। क्या सारा देश तेरे साम्हने नहीं? सो मुझ से अलग हो, यदि तू बाईं ओर जाए तो मैं दहिनी ओर जाऊंगा; और यदि तू दहिनी ओर जाए, तो मैं बाईं ओर जाऊंगा।” बेतेल के पास एक ऐसी जगह है जहाँ से कहा जाता है कि “पैलिस्टाइन का बहुत बढ़िया नज़ारा देखा जा सकता है।” शायद इसी जगह से “लूत ने आंख उठाकर, यरदन नदी के पास वाली सारी तराई को देखा, कि वह सब सिंची हुई है। जब तक यहोवा ने सदोम और अमोरा को नाश न किया था, तब तक सोअर के मार्ग तक वह तराई यहोवा की बाटिका, और मिस्र देश के समान उपजाऊ थी।”—उत्पत्ति 13:8-10.
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इब्राहीम जैसा विश्वास रखिए!प्रहरीदुर्ग—2001 | अगस्त 15
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13. अब्राम की मिसाल उन मसीहियों को कैसे मदद देती है जिनमें शायद पैसों को लेकर कोई झगड़ा हो जाए?
13 अब्राम को यहोवा के वादे पर विश्वास था कि आखिरकार इस सारे देश पर उसके वंश का अधिकार होगा; इसलिए उसने देश के छोटे-से हिस्से को लेकर लूत के साथ झगड़ा नहीं किया। उदारता दिखाते हुए वह उसी सिद्धांत पर चला जो बाद में 1 कुरिन्थियों 10:24 में लिखा गया: “कोई अपनी ही भलाई को न ढूंढ़े, बरन औरों की।” यह उन लोगों के लिए अच्छा सबक है जिनका शायद अपने संगी विश्वासियों के साथ पैसे को लेकर झगड़ा हो जाए। क्योंकि मत्ती 18:15-17 में दी गयी सलाह पर अमल करने के बजाय, कुछ लोग अपने भाइयों को अदालत तक खींचकर ले गए हैं। (1 कुरिन्थियों 6:1,7) ऐसे लोगों के लिए अब्राम की मिसाल दिखाती है कि यहोवा के नाम की बदनामी करने से या मसीही कलीसिया की शांति को भंग करने से तो अच्छा है कि वे खुद नुकसान उठा लें।—याकूब 3:18.
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