वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • परमेश्‍वर ने उसे “राज-घराने की औरत” कहा
    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए)—2017 | अंक 5
    • जब अब्राहम अपने बड़े परिवार को लेकर फरात नदी पार करके कनान देश आया था, तब से दस साल हो गए हैं। इस सफर के बारे में कुछ पता न होने पर भी सारा ने अपने पति का साथ दिया। वह जानती है कि परमेश्‍वर का मकसद है कि एक वंश आए और उससे एक राष्ट्र बने। यह वंश उसके पति अब्राहम से आनेवाला है और उस पर परमेश्‍वर की आशीष होगी। लेकिन इस सबमें सारा की क्या भूमिका है? वह तो बाँझ है और अब 75 साल की हो चुकी है। वह शायद सोचती होगी, ‘जब तक मैं अब्राहम की पत्नी हूँ, तब तक यहोवा का वादा कैसे पूरा हो सकता है?’ अगर वह यह चिंता कर रही है और सब्र खोने लगी है, तो यह लाज़िमी है।

  • परमेश्‍वर ने उसे “राज-घराने की औरत” कहा
    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए)—2017 | अंक 5
    • सारा बीते दिनों को याद करने के बजाय अपना ध्यान आगे होनेवाली बातों पर लगाती है। वह इस सफर में अपने पति का पूरा साथ देती है, फिर चाहे डेरा उठाना हो, मवेशियों को इकट्ठा करके आगे बढ़ना हो या फिर दोबारा डेरा डालना हो। वह और भी बहुत-से बदलाव और मुश्‍किलों का सामना करती है। एक बार फिर यहोवा अब्राहम से किया अपना वादा दोहराता है, लेकिन सारा का अब भी कोई ज़िक्र नहीं करता!—उत्पत्ति 13:14-17; 15:5-7.

      आखिरकार सारा सोचती है कि अब वह और नहीं रुक सकती, वह अब्राहम को बता देगी कि कई दिनों से उसके मन में क्या चल रहा है। कल्पना कीजिए कि जब उसने अब्राहम से बात की होगी, तब उसके दिल में कैसी जद्दोजेहद चल रही होगी, जो उसके चेहरे पर भी नज़र आ रही होगी। उसने कहा, “देख, यहोवा ने मेरी कोख बंद कर रखी है।” फिर वह उससे कहती है कि वह उसकी दासी हाजिरा के ज़रिए बच्चे पैदा करे। क्या आप सोच सकते हैं कि उसे यह बात कहते हुए कितना दुख हुआ होगा? आज हमें सारा की यह पेशकश शायद बहुत अजीब लगे, लेकिन उस ज़माने में वारिस पैदा करने के लिए एक आदमी की दूसरी पत्नी यानी उप-पत्नी होना आम बात थी।b सारा ने शायद सोचा होगा कि अब्राहम के ज़रिए एक वंश आने का यही एक तरीका है, तभी परमेश्‍वर का मकसद पूरा होगा और अब्राहम के वंश से एक राष्ट्र बनेगा। इसके लिए वह कोई भी त्याग करने को तैयार थी, फिर चाहे वह कितना ही मुश्‍किल क्यों न हो। अब्राहम ने क्या किया? शास्त्र में लिखा है कि उसने “[सारा] की बात मान ली।”—उत्पत्ति 16:1-3.

      क्या पवित्र शास्त्र बाइबल में बताया गया है कि सारा को यह त्याग करने के लिए यहोवा ने उभारा? नहीं। इसके बजाय उसकी इस पेशकश से पता चलता है कि वह इस मामले को इंसानों की नज़र से देख रही है। उसे लगता है कि उसकी मुसीबत के लिए परमेश्‍वर ही ज़िम्मेदार है और इस मामले को हल करने का परमेश्‍वर के पास और क्या तरीका हो सकता है। सारा का इस तरह समस्या हल करना उस पर और भी मुसीबतें ले आता। फिर भी हम देख सकते हैं कि उसकी पेशकश में कोई स्वार्थ नहीं है। आज जहाँ दुनिया में हर कोई दूसरों के बजाय अपनी इच्छा पहले पूरी करता है, ऐसे में सारा की निःस्वार्थ भावना क्या अनोखी नहीं है? अगर हम अपनी इच्छाओं से पहले परमेश्‍वर के मकसद को पूरा करने में योगदान देते हैं, तो हम सारा के विश्‍वास की मिसाल पर चल रहे होते हैं।

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें