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  • सुहावनेपन के परादीस में शानदार मानवी प्रत्याशाएँ
    प्रहरीदुर्ग—1990 | मार्च 1
    • १३ “फिर परमेश्‍वर ने उन से कहा, ‘सुनो, जितने बीजवाले छोटे छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के ऊपर हैं और जितने वृक्षों में बीजवाले फल होते हैं, वे सब मैं ने तुम को दिए हैं; वे तुम्हारे भोजन के लिए हैं: और जितने पृथ्वी के पशु, और आकाश के पक्षी, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले जन्तु हैं, जिन में जीवन के प्राण हैं, उन सब के खाने के लिए मैं ने सब हरे हरे छोटे पेड़ दिए हैं।’ और वैसा ही हो गया।”—उत्पत्ति १:२६-३०.

  • सुहावनेपन के परादीस में शानदार मानवी प्रत्याशाएँ
    प्रहरीदुर्ग—1990 | मार्च 1
    • १५, १६. (अ) मानवी परिवार के लिए भरपूर भोजन क्यों होता? (ब) जैसे सुखी परिवार की संख्या बढ़ जाती, अदन की बाटिका के बाहर उनके लिए क्या काम होता?

      १५ पूरी पृथ्वी को भरनेवाले इस मानवी परिवार के हर सदस्य के लिए भरपूर भोजन होता। वहाँ अदन की बाटिका में, शुरू से ही बहुत सारा भोजन था। परमेश्‍वर ने उनके लिए प्रबंध किया था और उन्हें सारे बीजवाले पेड़-पौधे और फलवाले पेड़, स्वास्थ्यकर, प्राण-पोषक भोजन के तौर से काम आने के लिए दिए थे।—भजन १०४:२४ से तुलना करें।

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