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परमेश्वर की तरह क्या आप भी जीवन को अनमोल समझते हैं?“खुद को परमेश्वर के प्यार के लायक बनाए रखो”
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5, 6. मूसा के कानून में यह कैसे दिखाया गया कि खून पवित्र भी है और अनमोल भी? (“जानवरों के जीवन का आदर कीजिए” नाम का बक्स भी देखिए।)
5 मूसा के कानून से भी ये दो बुनियादी सच्चाइयाँ साफ पता लगती हैं कि खून पवित्र है और जीवन की निशानी है। लैव्यव्यवस्था 17:10, 11 कहता है, ‘अगर कोई किसी भी जीव का खून खाता है, तो मैं उसे बेशक ठुकरा दूँगा और उसे मौत की सज़ा दूँगा। क्योंकि हरेक जीवित प्राणी की जान उसके खून में है। और मैंने खुद यह इंतज़ाम ठहराया है कि खून वेदी पर उँडेला जाए ताकि तुम्हारी जान के लिए प्रायश्चित हो, क्योंकि खून में ही जान है और खून से ही पापों का प्रायश्चित किया जा सकता है।’a—“खून की प्रायश्चित करने की शक्ति” नाम का बक्स देखिए।
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परमेश्वर की तरह क्या आप भी जीवन को अनमोल समझते हैं?“खुद को परमेश्वर के प्यार के लायक बनाए रखो”
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a “हरेक जीवित प्राणी की जान उसके खून में है,” परमेश्वर की इस बात के बारे में साइंटिफिक अमेरिकन पत्रिका कहती है, “हालाँकि यह बात सच है कि खून को जीवन का एक रूपक या निशानी कहा जा सकता है, मगर असलियत में भी यह बात सौ फीसदी सच है क्योंकि जीवन के लिए हर किस्म की रक्त-कोशिका बेहद ज़रूरी है।”
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