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“नम्र लोगों में बुद्धि होती है”प्रहरीदुर्ग—2000 | अगस्त 1
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12. गिदोन ने यहोवा से मिले काम को पूरा करने में किस तरह सूझ-बूझ दिखायी?
12 लेकिन गिदोन को लड़ाई में भेजने से पहले यहोवा ने उसकी परीक्षा ली। कैसे? गिदोन का पिता बाल देवता का पुजारी था। गिदोन से कहा गया कि वह अपने पिता की बाल की वेदी को नष्ट कर दे और वेदी के पास जो मूरत थी, उसे भी गिरा दे। यह काम करने के लिए उसे वाकई हिम्मत की ज़रूरत थी। और जिस तरीके से गिदोन ने यह काम किया, उसमें उसकी सूझ-बूझ दिखाई देती है और यह भी कि वह अपनी हद पहचानता है। वह चाहे तो यह काम खुलेआम लोगों के सामने कर सकता था मगर उसने यह काम रात के समय किया ताकि वह किसी की नज़रों में न आए। इतना ही नहीं, उसने बड़ी होशियारी से काम लिया। वह अपने साथ दस सेवकों को ले गया। कुछ सेवकों को उसने पहरा देने के लिए कहा और कुछ के साथ मिलकर उसने वेदी और मूरत को तोड़ दिया।b यहोवा की आशीष उस पर रही और उसने अपनी ज़िम्मेदारी पूरी की। और वक्त आने पर यहोवा ने इस्राएलियों को मिद्यानियों के हाथ से छुड़ाने का काम उसे सौंपा।—न्यायियों 6:25-27.
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“नम्र लोगों में बुद्धि होती है”प्रहरीदुर्ग—2000 | अगस्त 1
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b वेदी और मूरत को तोड़ने के लिए गिदोन रात के समय गया, तो इसका यह मतलब नहीं कि वह डरपोक था। वह दिलेर था, यह हमें इब्रानियों 11:32-38 से पता चलता है क्योंकि वहाँ गिदोन का नाम भी उन लोगों में आता है जो “बलवन्त हुए” और “लड़ाई में वीर निकले।”
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