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  • “एक नेक औरत”
    उनके विश्‍वास की मिसाल पर चलिए
    • 19, 20. (क) बोअज़ ने मौका मिलते ही रूत से शादी क्यों नहीं की? (ख) बोअज़ ने कैसे रूत पर कृपा की और उसके अच्छे नाम का खयाल रखा?

      19 इसके बाद बोअज़ ने कहा, “घबरा मत मेरी बेटी। तूने मुझसे जो भी कहा है, वह सब मैं करूँगा क्योंकि शहर में हर कोई जानता है कि तू एक नेक औरत है।” (रूत 3:11) रूत से शादी करने के बारे में सोचकर बोअज़ खुश हुआ। शायद उसे पहले से थोड़ा-बहुत अंदाज़ा था कि उसे छुड़ानेवाला बनने के लिए कहा जाएगा, इसलिए उसे इतना ताज्जुब नहीं हुआ। मगर बोअज़ एक नेक आदमी था, इसलिए उसने अपने मन मुताबिक काम नहीं किया। उसने रूत को बताया कि एक और छुड़ानेवाला है, जो नाओमी के पति का और भी करीबी रिश्‍तेदार है। वह उस आदमी के पास जाएगा और पहले उसे रूत से शादी करने का मौका देगा।

      रूत दूसरों के साथ आदर और कृपा से पेश आती थी, इसलिए उसने एक बढ़िया नाम कमाया

  • “एक नेक औरत”
    उनके विश्‍वास की मिसाल पर चलिए
    • 21. (क) किस वजह से रूत ने एक “नेक औरत” होने का नाम कमाया? (ख) हम रूत की मिसाल पर कैसे चल सकते हैं?

      21 रूत बोअज़ की यह बात याद करके कितनी खुश हुई होगी कि सब लोग उसे एक “नेक औरत” मानते हैं। बेशक उसने यह अच्छा नाम इसलिए कमाया क्योंकि वह यहोवा को जानने और उसकी सेवा करने के लिए तैयार थी। इतना ही नहीं, उसने नाओमी पर बहुत कृपा की और उसके लोगों के तौर-तरीके और रिवाज़ अपनाकर उनका गहरा आदर किया, जबकि ये उसके लिए बिलकुल नए थे। अगर हम रूत जैसा विश्‍वास ज़ाहिर करें तो हम दूसरों का, उनके तौर-तरीकों और रिवाज़ों का दिल से आदर करेंगे। तब हम भी नेक होने का नाम कमाएँगे।

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