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  • उसने परमेश्‍वर से दिल खोलकर प्रार्थना की
    प्रहरीदुर्ग—2011 | जनवरी 1
    • हन्‍ना अपने दुखों को भूल सफर की तैयारी में जुटी हुई थी। बड़ी खुशी का मौका था। पूरा घर चहल-पहल से गुलज़ार था। हर साल की तरह उसका पति एल्काना, पूरे परिवार को पर्व के लिए शीलो ले जानेवाला था, जहाँ निवास-स्थान में यहोवा की उपासना की जाती थी। यहोवा चाहता था कि उसके लोग इन मौकों पर खुशियाँ मनाएँ। (व्यवस्थाविवरण 16:15) हन्‍ना बचपन से ही इन पर्वों में जाती थी और खुशियाँ मनाती थी, लेकिन कुछ सालों से उसके हालात बदल गए थे।

  • उसने परमेश्‍वर से दिल खोलकर प्रार्थना की
    प्रहरीदुर्ग—2011 | जनवरी 1
    • सुबह-सुबह एल्काना के घर में हलचल मची हुई थी। हर कोई यहाँ तक की बच्चे भी सफर की तैयारी में लगे हुए थे। शीलो जाने के लिए उन्हें एप्रैम के पहाड़ी इलाके से होते हुए 30 किलोमीटर से ज़्यादा लंबा सफर तय करना था।c पैदल सफर करने में उन्हें एक या दो दिन लगते। हन्‍ना जानती थी कि उसकी सौतन इस बार भी उसे नहीं बख्शेगी। फिर भी उसने सोच लिया था कि वह घर पर नहीं बैठेगी, शीलो ज़रूर जाएगी। इस तरह हन्‍ना ने यहोवा के सभी उपासकों के लिए एक बढ़िया मिसाल रखी। आज चाहे लोग हमारे साथ बुरी तरह क्यों न पेश आएँ, पर हमें यहोवा की उपासना नहीं छोड़नी चाहिए। अगर हम उसकी उपासना करना छोड़ दें, तो हम उन आशीषों को गँवा बैठेंगे, जिससे हमें धीरज धरने की ताकत मिलती है।

  • उसने परमेश्‍वर से दिल खोलकर प्रार्थना की
    प्रहरीदुर्ग—2011 | जनवरी 1
    • c एल्काना का शहर रामा ही शायद यीशु के ज़माने में अरिमतियाह नाम से जाना जाता था। इसी आधार पर दूरी का हिसाब लगाया गया है।

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