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  • ऐसा हो कि यहोवा आपका लेखा स्वीकार्य पाए
    प्रहरीदुर्ग—1996 | सितंबर 15
    • “हे मेरे परमेश्‍वर! मेरे हित के लिये यह . . . स्मरण रख . . . हे मेरे परमेश्‍वर! मेरे हित के लिये मुझे स्मरण कर।”—नहेमायाह १३:२२, ३१.

  • ऐसा हो कि यहोवा आपका लेखा स्वीकार्य पाए
    प्रहरीदुर्ग—1996 | सितंबर 15
    • २. (क) किन तरीक़ों से नहेमायाह ने परमेश्‍वर को अपना एक अच्छा लेखा दिया? (ख) किस निवेदन के साथ नहेमायाह ने अपने नाम की बाइबल पुस्तक की समाप्ति की?

      २ फारसी राजा अर्तक्षत्र (लॉन्जीमेनस) का पियाऊ, नहेमायाह एक ऐसा व्यक्‍ति था जिसने परमेश्‍वर को अपना एक अच्छा लेखा दिया। (नहेमायाह २:१) नहेमायाह यहूदियों का अधिपति बना और शत्रुओं और ख़तरों का सामना करते हुए यरूशलेम की शहरपनाह फिर से बनायी। सच्ची उपासना के लिए जोश के साथ, उसने परमेश्‍वर की व्यवस्था प्रभावी की और उत्पीड़ितों के लिए चिन्ता दिखायी। (नहेमायाह ५:१४-१९) नहेमायाह ने लेवियों से आग्रह किया कि नियमित रूप से अपने आपको शुद्ध करें, फाटकों की रखवाली करें, और विश्रामदिन को पवित्र मानें। इसलिए वह प्रार्थना कर सका: “हे मेरे परमेश्‍वर! मेरे हित के लिये यह भी स्मरण रख और अपनी बड़ी करुणा के अनुसार मुझ पर तरस खा।” यह भी उपयुक्‍त था कि नहेमायाह ने अपनी ईश्‍वरीय रूप से उत्प्रेरित पुस्तक की समाप्ति इस निवेदन के साथ की: “हे मेरे परमेश्‍वर! मेरे हित के लिये मुझे स्मरण कर।”—नहेमायाह १३:२२, ३१.

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