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“मैं मरते दम तक निर्दोष बना रहूँगा!”उनके विश्वास की मिसाल पर चलिए
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मगर परमेश्वर पर अय्यूब का विश्वास अटल था और यह उसकी बातों से साफ पता चलता है। उसकी ज़्यादातर बातें सच्ची थीं, सुनने में मनभावनी थीं और उनसे आज भी हमें हिम्मत मिलती है। उसने सृष्टि के बारे में बात करते वक्त यहोवा की तारीफ की और कुछ ऐसी बातें कहीं जो यहोवा ने ही उस पर ज़ाहिर की होंगी। मिसाल के लिए उसने कहा कि यहोवा “पृथ्वी को बिना किसी सहारे के लटकाए हुए है।” (अय्यूब 26:7) यह एक ऐसी सच्चाई है जो वैज्ञानिकों ने अय्यूब के ज़माने के सदियों बाद पता की थी।b अय्यूब ने यह भी कहा कि अगर उसकी मौत हो जाए, तो परमेश्वर उसे याद रखेगा, उसकी कमी उसे खलेगी और वक्त आने पर वह उसे ज़िंदा कर देगा। उसका यह विश्वास उतना ही अटल था जितना कि दूसरे वफादार स्त्री-पुरुषों का था।—अय्यूब 14:13-15; इब्रानियों 11:17-19, 35.
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“मैं मरते दम तक निर्दोष बना रहूँगा!”उनके विश्वास की मिसाल पर चलिए
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b अय्यूब के ज़माने के 3,000 साल बाद वैज्ञानिकों ने इस बात को माना कि पृथ्वी किसी चीज़ पर टेक लगाए बिना भी रह सकती है। और आम लोगों ने इस बात पर तब जाकर यकीन किया जब अंतरिक्ष से पृथ्वी की तसवीर ली गयी और उन्हें दिखायी गयी।
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