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शुतुरमुर्ग और सारससजग होइए! ब्रोशर (1987) (gbr-2)
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तुलना में, शुतुरमुर्ग खतरा बहुसंगमनी हैं, और मुर्गियाँ अपने अण्डों के बारे में ज़्यादा चिन्तित नहीं है। इन्हें एक सामुदायिक घोसले में एकत्रित किए जाते हैं, लेकिन कुछों को बाहर भी छोड़े जाते हैं। जब शुतुरमुर्ग खतरा महसूस करते हैं, उनके अण्डों को या चूज़ों को अल्पकालिक रूप से त्याग देते हैं।
ऐसी प्रतीयमान उपेक्षा, मादा-शुतुरमुर्ग के बारे में दी गई, बाइबल के वर्णन से मिलती है: “वह तो अपने अण्ड़े भूमि पर छोड़ देती हैं . . . और इसकी सुधि नहीं रखती, कि वे पांव से कुचले जाएंगे . . . वह अपने बच्चों से ऐसी कठोरता करती है कि मानो उसके नहीं है।” (अय्यूब ३९:१४-१६) पक्षिविज्ञानी डॉ.आर.सी.मर्फी और डॉ.डी.ॲमडॉन कहते हैं: “बाइबल के बहुत कम पाठक यह समझते हैं कि यह लेखांश कितना सही है।”
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शुतुरमुर्ग और सारससजग होइए! ब्रोशर (1987) (gbr-2)
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बाइबल उचित रीति से शुतुरमुर्गी के बारे में कहती है: “क्योंकि ईश्वर ने उस से बुद्धि भुलाई।” (अय्यूब ३९:१७, न्यू.व.) क्या ऐसे कहने में यह समाविष्ट है कि सृष्टिकर्ता ने एक भूल की? कभी नहीं। वास्तव में यह प्रतीयमान उपेक्षा शुतुरमुर्ग की प्रतिरक्षा के लिए काम करती हैं। उन अण्ड़ों का जिन्हें लापरवाह रीति से घोसले के बाहर छोड़े जाते हैं, कभी-कभी नए चूज़ों को खिलाने में उपयोग किए जाते हैं। और, क्योंकि शुतुरमुर्ग के दाँत नहीं है, प्राकृतिक वस्तुओं का निगरण, जैसे पत्थर, पाचन के लिए महत्त्वपूर्ण है।
जब एक शुतुरमुर्गी अपने अण्डों का या चूज़ों का त्याग करती है, यह शत्रुओं का ध्यान भंग करता है। कभी कभी शुतुरमुर्ग यह करते हुए आश्चर्यजनक वीरता प्रदर्शित करते हैं। समीप आते हुए एक ट्रक को देखकर एक शुतुरमुर्गी अपनी चूज़ों को त्यागकर गाड़ी की ओर दौड़ चली! फिर वह अपनी एक पंख को नीचे झुकाकर चोट की अभिनय करती हुई गाड़ी की बगल की ओर दिशा बदल ली।
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