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शुतुरमुर्ग और सारससजग होइए! ब्रोशर (1987) (gbr-2)
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तुलना में, शुतुरमुर्ग खतरा बहुसंगमनी हैं, और मुर्गियाँ अपने अण्डों के बारे में ज़्यादा चिन्तित नहीं है। इन्हें एक सामुदायिक घोसले में एकत्रित किए जाते हैं, लेकिन कुछों को बाहर भी छोड़े जाते हैं। जब शुतुरमुर्ग खतरा महसूस करते हैं, उनके अण्डों को या चूज़ों को अल्पकालिक रूप से त्याग देते हैं।
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शुतुरमुर्ग और सारससजग होइए! ब्रोशर (1987) (gbr-2)
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शुतुरमुर्गों के सिर छोटे हैं और उनका दिमाग एक अखरोट जितना है। यह चिड़िया-घर निर्देशक टेरी मर्फी का लिखने का कारण स्पष्ट करता है: “अगर कोई ऐसा एक वर्ग है, जो इस नियम के अयोग्य हैं, कि पक्षियाँ बुध्दिमान प्राणी हैं, तो वह शुतुरमुर्ग का वर्ग है।”
अपनी पुस्तक सम ऑफ माय बेस्ट फ्रेन्ड्स आर ऑनिमल्स में मर्फी वर्णन करते हैं कि कैसे एक शुतुरमुर्ग ने एक ठंडी रात को बाड़ के पास सोने से ठिठुराकर मर गया। दूसरे एक ने अपनी गर्दन को बाड़ के दो छेदों के बीच फँसाने से गला घुटंकर मर गया। मर्फी ने लिखा, “लेकिन उनके बारे में सब से हास्यस्पद विषय उनकी खाने की चीज़ें हैं।”
हाल में, जब एक पर्यटक एक शुतुरमुर्ग का निकट-शॉट लेने की कोशिश कर रहा था, उसकी कैमरा उसकी पकड़ से छीन लिया गया। उसने निराशा से उसे शुतुरमुर्ग के लम्बे गर्दन से आहिस्ता नीचे निकलते हुए देखा! द गिन्नस बुक ऑफ ऑनिमल फॉक्ट्स ऑन्ड फीट्स निम्नलिखित वस्तुओं की सूची देती है जो एक नमूने के पेट में पाया गया: “एक ३ फुट लम्बी रस्सी का अंश, फिल्म की गड़ारी, एक अलारम घड़ी की चाबी, एक साइकल वाल्व, एक कंगी, एक पेंसिल, तीन दस्तानें, एक रूमाल, दस्ताना-बन्धक, सोने के हार के कुछ टुकड़ें, दो कालर के बटन, बेलजियम का एक सिक्का, दो दमड़ी और चार आधा-पेनी।”
बाइबल उचित रीति से शुतुरमुर्गी के बारे में कहती है: “क्योंकि ईश्वर ने उस से बुद्धि भुलाई।” (अय्यूब ३९:१७, न्यू.व.) क्या ऐसे कहने में यह समाविष्ट है कि सृष्टिकर्ता ने एक भूल की? कभी नहीं। वास्तव में यह प्रतीयमान उपेक्षा शुतुरमुर्ग की प्रतिरक्षा के लिए काम करती हैं। उन अण्ड़ों का जिन्हें लापरवाह रीति से घोसले के बाहर छोड़े जाते हैं, कभी-कभी नए चूज़ों को खिलाने में उपयोग किए जाते हैं। और, क्योंकि शुतुरमुर्ग के दाँत नहीं है, प्राकृतिक वस्तुओं का निगरण, जैसे पत्थर, पाचन के लिए महत्त्वपूर्ण है।
जब एक शुतुरमुर्गी अपने अण्डों का या चूज़ों का त्याग करती है, यह शत्रुओं का ध्यान भंग करता है। कभी कभी शुतुरमुर्ग यह करते हुए आश्चर्यजनक वीरता प्रदर्शित करते हैं। समीप आते हुए एक ट्रक को देखकर एक शुतुरमुर्गी अपनी चूज़ों को त्यागकर गाड़ी की ओर दौड़ चली! फिर वह अपनी एक पंख को नीचे झुकाकर चोट की अभिनय करती हुई गाड़ी की बगल की ओर दिशा बदल ली।
शुतुरमुर्ग और सारस, उसकी अगाध मानसिक विदग्धता की ओर, जिसने इन दोनों को इतने असमान रीति से बनाया, ध्यान खींचते हैं। (रोमियों ११:३३) जैसे भजनकार ने विस्मय से कहा: “हे यहोवा तेरे काम अनगिनत हैं! इन सब वस्तुओं को तू ने बुध्दि से बनाया है।”—भजन १०४:२४
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