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तुझे अपने “काम की अभिलाषा होती” हैप्रहरीदुर्ग—2011 | जुलाई 1
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अय्यूब, परमेश्वर पर ज़बरदस्त विश्वास रखनेवाला इंसान था। उसे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा जैसे, उसकी सारी धन-संपत्ति लूट ली गयी, उसे अपने सभी प्यारे बच्चों की मौत देखनी पड़ी और वह खुद एक दर्दनाक बीमारी का शिकार हो गया। दुख में तड़पते हुए अय्यूब ने परमेश्वर से गुहार लगायी: “भला होता कि तू मुझे अधोलोक (इंसान की कब्र) में छिपा लेता।” (आयत 13) उसे लगा कि अधोलोक में ही उसे अपने दुखों से छुटकारा मिलेगा। वहाँ वह दर्द और पीड़ा से मुक्त रहेगा मानो वह खज़ाने की तरह हो, जिसे परमेश्वर छिपा लेगा।a
क्या अय्यूब हमेशा अधोलोक या कब्र में रहता? अय्यूब ऐसा नहीं मानता था। अपनी प्रार्थना में उसने आगे कहा: “भला होता कि तू . . . समय नियुक्त करके फिर मेरी सुधि लेता।” अय्यूब को पक्की आशा थी कि वह कुछ समय के लिए ही अधोलोक में रहेगा और यहोवा उसे याद रखेगा। अय्यूब, अधोलोक में बिताए समय की तुलना “कठिन सेवा” से करता है, जिसमें उसे मजबूरन इंतज़ार करना पड़ता। यह इंतज़ार कितना लंबा होता? वह कहता है: “जब तक मेरा छुटकारा न होता तब तक।” (आयत 14) छुटकारे का मतलब है अधोलोक से आज़ादी। दूसरे शब्दों में कहें तो मौत की नींद से जागना!
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तुझे अपने “काम की अभिलाषा होती” हैप्रहरीदुर्ग—2011 | जुलाई 1
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a एक अध्ययन लेख के मुताबिक अय्यूब के शब्द “छिपा लेता” का मतलब हो सकता है, “एक अनमोल धरोहर के तौर पर सुरक्षित रखना।” एक दूसरे अध्ययन लेख के मुताबिक इन शब्दों का मतलब हो सकता है, “एक खज़ाने की तरह छिपा देना।”
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