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जीवन परमेश्वर की देन है, इसकी कदर कीजिएखुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्वर से जानें
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5. गर्भ में पल रहे बच्चे की जान को अनमोल समझिए
दाविद ने एक कविता में बताया कि यहोवा एक माँ की कोख में पल रहे बच्चे के बारे में एक-एक बात जानता है। भजन 139:13-17 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
यहोवा की नज़र में जीवन कब शुरू होता है, जब एक माँ का गर्भ ठहरता है या जब बच्चे का जन्म होता है?
पुराने ज़माने में यहोवा ने इसराएलियों को कुछ नियम दिए थे जिससे एक माँ और उसकी कोख में पल रहे बच्चे की हिफाज़त होती। निर्गमन 21:22, 23 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
जब कोई अनजाने में एक अजन्मे बच्चे की जान ले लेता, तो यहोवा को कैसा लगता?
अगर कोई जानबूझकर ऐसा करता है, तो यहोवा को कैसा लगेगा?b
यहोवा की सोच के बारे में आप कैसा महसूस करते हैं?
एक औरत को शायद यकीन हो कि जीवन अनमोल है, फिर भी अपने हालात की वजह से उसे लगे कि गर्भपात कराने के सिवा और कोई रास्ता नहीं। यशायाह 41:10 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
अगर एक औरत पर ज़ोर डाला जाए कि वह गर्भपात कराए, तो उसे किससे मदद लेनी चाहिए? उसे ऐसा क्यों करना चाहिए?
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जीवन परमेश्वर की देन है, इसकी कदर कीजिएखुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्वर से जानें
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b जिन्होंने पहले गर्भपात कराया है, उनका दिल शायद उन्हें कचोटे। लेकिन यहोवा उन्हें माफ करने के लिए तैयार है। इस बारे में ज़्यादा जानने के लिए “पवित्र शास्त्र गर्भपात के बारे में क्या बताता है?” नाम का लेख पढ़ें। यह लेख इस पाठ के “ये भी देखें” भाग में दिया गया है।
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