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मेम्ने की शादी पर खुशियाँ मनाइए!प्रहरीदुर्ग—2014 | फरवरी 15
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6. (क) अभिषिक्त जनों को “बादशाह की बेटी” क्यों कहा गया है? (ख) उन्हें ‘अपने लोगों को भूल जाने’ के लिए क्यों कहा गया है?
6 दुल्हन को न सिर्फ “राजकुमारी,” बल्कि “बादशाह की बेटी” भी कहा गया है। (भज. 45:13, उर्दू—ओ.वी.) यह “बादशाह” कौन है? यहोवा। वह अभिषिक्त मसीहियों को अपने ‘बच्चों’ के नाते गोद लेता है। (रोमि. 8:15-17) अभिषिक्त जनों से कहा गया है: “अपने लोगों और अपने [इंसानी] पिता के घर को भूल जा।” ये अभिषिक्त मसीही स्वर्ग में दुल्हन बनेंगे, इसलिए उन्हें अपना मन “स्वर्ग की बातों पर ही लगाए [रखना है], न कि धरती की बातों पर।”—कुलु. 3:1-4.
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मेम्ने की शादी पर खुशियाँ मनाइए!प्रहरीदुर्ग—2014 | फरवरी 15
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दुल्हन को “राजा के पास” लाया जाता है
8. दुल्हन को “अति शोभायमान” क्यों बताया गया है?
8 भजन 45:13, 14क पढ़िए। दुल्हन ने “अपने दूल्हे के लिए सिंगार” किया है और वह इस शाही घराने में होनेवाली शादी के लिए “अति शोभायमान” लग रही है। प्रकाशितवाक्य 21:2 में दुल्हन की तुलना नयी यरूशलेम नगरी से की गयी है। यह स्वर्गीय नगरी “परमेश्वर की महिमा” के तेज से चमक रही है। उसकी चमक “सबसे अनमोल रत्न, यानी बिल्लौर की तरह दमकते यशब जैसी” है। (प्रका. 21:10, 11) नयी यरूशलेम की बेमिसाल सुंदरता के बारे में प्रकाशितवाक्य की किताब में बहुत ही खूबसूरती से बताया गया है। (प्रका. 21:18-21) इसमें कोई शक नहीं कि क्यों भजनहार इस दुल्हन की खूबसूरती का इस तरह बखान करता है। आखिर स्वर्ग के राज-घराने में होनेवाली शादी से हम यही तो उम्मीद करेंगे।
9. (क) दुल्हन को किसके पास लाया जाता है? (ख) उसके कपड़े कैसे हैं?
9 दुल्हन को अपने दूल्हे, यानी मसीहाई राजा के पास लाया जाता है। मसीहाई राजा ने दुल्हन को “वचन” की मदद से स्वच्छ करके उसे तैयार किया है। वह “पवित्र और बेदाग” है। (इफि. 5:26, 27) दुल्हन के कपड़े भी इस मौके के लिए सही होने चाहिए। और इसमें कोई शक नहीं कि उसके कपड़े बहुत खूबसूरत हैं। “उसके वस्त्र में सुनहले बूटे कढ़े हुए हैं” और “वह बूटेदार वस्त्र पहिने हुए राजा के पास पहुंचाई जाएगी।” मेम्ने की शादी के लिए “उसे [दुल्हन को] यह अधिकार दिया गया है कि वह उजला, साफ और बढ़िया मलमल पहनकर सजे, क्योंकि बढ़िया मलमल पवित्र जनों के नेक कामों की निशानी है।”—प्रका. 19:8.
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